हरियाणा

हरियाणा में एनसीपी व इनेलो के संयुक्त प्रत्याशी का जलाया पुतला,जानिए वजह

सत्य खबर, सिरसा ।
करनाल लोकसभा क्षेत्र से एनसीपी व इनेलो के संयुक्त उम्मीदवार मराठा वीरेंद्र वर्मा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। मराठा वीरेंद्र वर्मा द्वारा पंजाबी समाज के साथ-साथ कांग्रेस और भाजपा लोकसभा उम्मीदवारों को भी झांगी कहे जाने से करनाल में पंजाबी समाज के लोगों में गुस्सा है। बुधवार शाम को जहां समाज के लोग को घरौंडा के एसडी मंदिर चौक पर एकत्रित हुए और मराठा को अपने शब्दों के लिए समाज से माफी मांगने के लिए कहा है। वहीं आज दोपहर को कमेटी चौक पर समाज के लोगों द्वारा प्रदर्शन कर मराठा का पुतला फुंका। साथ ही निर्वाचन आयोग को भी मराठा की शिकायत कर उनके नामांकन रद्द करने की मांग की है।

बुधवार की देर शाम अखिल भारतीय खत्री युवा महासभा हरियाणा के प्रधान शेरू विग के नेतृत्व में पंजाबी समाज के लोग एकत्रित हुए। शेरू विग ने कहा कि मराठा वीरेंद्र वर्मा ने समाज के लिए जिस शब्द का इस्तेमाल किया है, वह निंदनीय है और मराठा समाज के भाईचारे को तोड़ना चाहते है।

सिर्फ एक व्यक्ति की वजह से हमारा भाईचारा खराब हो रहा है और ऐसे व्यक्ति का पंजाबी समाज खुला विरोध करता है। हमारा सभी बिरादरियों से भाईचारा है, एक दूसरे के सुख दुख में भी खड़े होते है, लेकिन कभी किसी के प्रति इस तरह की हीन भावना न तो हमारे मन में आई और न ही किसी दूसरे के मन में, लेकिन मराठा ने शब्दों की सीमाओं को लांघकर समाज को आहत करने का काम किया है।

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पंजाबी समाज के गगनदीप विग, अनिल ठकराल, रजनी चुघ, अंकुश, नीरज व अन्य लोगों का कहना है कि मराठा वीरेंद्र वर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा और बीजेपी प्रत्याशी मनोहर लाल के साथ साथ पंजाबी समाज के लिए ऐसे शब्द यूज किए है, जिनको बोलते हुए भी शर्म आती है। मराठा की मानसिकता क्या है? क्या ये किसी समाज को अपमानित करके एक वोट बैंक को मजबूत बनाना चाहते है? या फिर समाज के बीच आपसी भाईचारे को समाप्त करना चाहते है? इस तरह से न तो कभी वोट बैंक मजबूत होता है और न ही भाईचारा। लोकतंत्र में सबको अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट देने का अधिकार है और वह किसी भी प्रत्याशी को चुन सकता है। शायद मराठा को अपनी हार नजर आ रही है और अब वे इस तरह से समाज को टारगेट कर रहे है। अगर वे पंजाबी समाज के प्रति इस तरह की सोच रखते है तो इसकी क्या गारंटी है कि वे अपने समाज के प्रति भी अच्छी सोच रखते होंगे।

समाज के लोगों ने कहा कि हो सकता है मराठा अपने समाज के लोगों के प्रति भी कोई ऐसा ही शब्द इस्तेमाल करते हो, क्योंकि लोकतंत्र में चुनाव किसी एक बिरादरी के सहारे नहीं जीता जाता, उसके लिए सभी बिरादरियों को साथ लेकर चलना पड़ता है। ऐसे में मराठा ने उन पंजाबी वोटरो को भी अपने से दूर कर लिया है, जो लोकल प्रत्याशी के पक्ष में जाना चाहते थे।

मराठा ने जो बोला है, उसको समाज न ताे आज भूलेगा और न ही भविष्य में कभी भूलेगा। अब समाज एक बैठक करेगा। जिसमें अहम फैसला लिया जाएगा। जिसमें चुनाव आयोग को मराठा की शिकायत की जाएगी और भी कड़ा फैसला लिया जा सकता है

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